Aniruddhacharya ji Maharaj Fees In Hindi :- सोशल मीडिया तथा टीवी चनैलों पर आजकाल आपने आचार्य अनिरुद्धाचार्य जी के प्रवचनों और कथाओं को सुना ही होगा। इनके भक्ति रस से आज लाखो भक इनके श्रोतागण बन चुके है।
आज हम आपको इस लेख के माधयम से इनके जीवन से जुडी कई खास जानकारियों को विस्तार से बताने का प्रयास करेंगे, साथ ही साथ आपको यह भी बताएंगे कि एक भागवत कथा के लिए आचार्य aniruddhacharya ji maharaj fees कितनी लेते है, तो आइये इस खास जानकारी को पढ़ना प्रारम्भ करते है।
अनिरुद्धाचार्य महराज जी की फीस – Aniruddhacharya ji Maharaj Fees In Hindi
अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज एक दिन की कथा वाचन का 1 लाख रूपये फीस लेते है अर्थात यदि आपने 7 दिवसीय भागवत कथा का आयोजन किया है, तो इसके लिए आपको करीब 6 -7 लाख रुपए का खर्च उठाना पड़ सकता है।
साथ ही साथ महाराज जी के रुकने भोजन तथा साथ में आने वाले कलाकारों के रुकने और भोजन का प्रबंध स्वयं करना होगा।
इसलिए यदि आप महाराज अनिरुद्धाचार्य जी से श्रीमदभागवतकथा का आयोजन करवाना चाहते है, तो इसके लिए आपको इनकी कथा के दौरान किये जाने वाले प्रबंधो में अच्छी खासी धनराशि एकत्र कर लेनी चाहिए।
जैसा कि आपने इस शीर्षक के माधयम से ज्ञात किया कि aniruddhacharya ji maharaj fees कितनी लेते है। यदि आप कथा करवाने का मन में विचार बना रहे है, तो यह शीर्षक आपके लिए अत्यंत उपयोगी साबित हुआ है। या आप इनके वर्तमान निवास स्थान पर बने कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है।
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज जी का जीवन परिचय
नाम (Name) | श्री अनिरुद्धआचार्य |
जन्म तारीख (Birth Date) | 27 सितंबर 1989 |
उम्र (Age) | 34 वर्ष |
जन्म स्थान (Birthplace) | दमोह जिले के रिमझा ग्राम में |
गुरु (Teacher) | श्री गिर्राज शास्त्री जी महाराज |
कार्य (Occupation) | कथा वाचन |
धर्म (Religion) | हिंदू (ब्राह्मण) |
लंबाई (Height) | 5 फीट 9 इंच |
वजन (Weight) | 68 किलो |
गुरुजी का आश्रम (Foundation) | गौरी गोपाल वृद्धा आश्रम |
27 सितम्बर 1989 को महाराज अनिरुद्धाचार्य जी का जन्म मध्य प्रदेश के दमोह जिले में हुआ था , बचपन से ये बहुत ही अधायत्मिक विचार के व्यक्ति थे। इनके पिता श्री अवधेशानंद गिरी जी महाराज भागवत कथावाचक थे। जिस कारण इन्हें बचपन से ही भगवान की कथाओं का श्रवण अपने पिताजी के श्रीमुख से सुना।
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की शिक्षा
परिवार की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण महाराज जी ने विद्यालय में कम ही समय बिताया है, किन्तु अपना सारा समय ईश्वर की आराधना में लगाकर इन्होने आधयात्मिक शिक्षा में एक अच्छी उपलब्धि हासिल कर ली है।
मित्रो जैसा की आपके मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा,कि भागवत कथा के लिए आचार्य aniruddhacharya ji maharaj fees कितनी लेते है, इसकी जानकारी आपको आगे के शीर्षक में जरूर बताया जाएगा, लेकिन उससे पहले आइये जानते है, कि महाराज जी ने धार्मिक क्षेत्र में क्या क्या कार्य किये है।
धार्मिक क्षेत्र में अनिरुद्धाचार्य जी के कार्य
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने धार्मिक क्षेत्रो में अनेको कार्य किये जिसमेँ पशुओ को भोजन कराना, गरीब कन्याओ का विवाह, गायों के रहने और उनके चारा पानी की व्यवस्था, गरीब व्यक्तियों के लिए प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था करना, गरीब बच्चो के भरण और पोसन के लिए उचित प्रबंध तथा आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के स्वास्थ्य समस्याओ में अर्थिंक मदद प्रदान करना आदि कार्य शामिल है।
दोस्तों aniruddhacharya ji maharaj fees के रूप कितनी धनराशि लेते है, इसे जानने के लिए आपको उनके वर्तमान निवास स्थान पर बने कार्यालय में संपर्क कर सकते है, तो आइये जानते हैं, कि महाराज अनिरुद्धचार्या जी से संपर्क करने के लिए आपको क्या करना चाहिए।
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का वर्तमान निवास स्थान
वैसे तो महाराज जी पूरे भारत में अपनी कथाओ का वाचन करते है और ज्यादातर उन्हें भारत के अलग अलग प्रांतो में रुकना पड़ता है लेकिन वृंदावन महाराज जी का वर्तमान निवास स्थल जहाँ वो आकर विश्राम करते है।
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का वृंदावन के प्रति एक खास लगाव देखा गया, ऐसा इसलिए क्योकि महाराज श्री कृष्ण के बहुत ही बड़े उपासक माने जाते है ऐसे में उन्हें वृन्दावन अपने घर समान प्रतीत लगता है।
दोस्तो अब तक आपने महाराज जी के जीवन से जुडी कई जानकारियों को पढ़ लिया होगा आइये अब जानते है कि एक दिन की कथा के लिए aniruddhacharya ji maharaj fees कितनी लेते है।
अनिरुद्धाचार्य महाराज जी की कुल संपत्ति
महाराज जी की कुल संपत्ति के बारे यदि बात की जाये, तो इसका कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं प्राप्त है, महाराज अनिरुद्धचार्य जी अपनी आय का अधिकांश भाग लोगो की सेवा और धार्मिक कार्यो में लगाते है, इसलिए इनकी आय की सटीक जानकारी अभी तक प्राप्त नहीं हो सकी है।
FAQ’S:-
प्रश्न 1 – एक श्रीमद भागवत कथा के लिए आचार्य aniruddhacharya ji maharaj fees कितनी लेते है ?
उत्तर - आचार्य अनिरुद्धचार्य जी एक दिन की एक लाख रूपये फीस लेते हैं, इसलिए आप यदि 7 दिवसीय कथा का आयोजन करते है, तो आपको करीब 6 - 7 लाख रूपए फीस देने पड़ सकते है।
प्रश्न 2 – आचार्य अनिरुद्धचार्य जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर - आचार्य अनिरुद्धचार्य जी महाराज का जन्म 27 सितम्बर 1989 को मध्य प्रदेश के दमोह जिले में हुआ था।
प्रश्न 3 – आचार्य अनिरुद्धचार्य जी का बालयकाल किस प्रकार बीता ?
उत्तर - इनके पिता श्री अवधेशानंद गिरी जी महाराज एक कथा वाचक थे, जिस कारण इनके गृह की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी, बचपन से ही इन्होने अपने पिता जी की कथाओ को सुनकर वाचन करने का अभ्यास किया। जिस कारन इन्होने स्कूली शिक्षा की ओर अपना रुख नहीं किया। आधयात्मिक अभ्यास में इन्होने इतनी महारात हासिल कर ली कई बहुत ही कम समय में इन्हे तेजी के साथ पसंद किया जाने लगा, आज स्थिति यह है, कि केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशो से भी लोग इनकै शिष्य बनने के लिए प्रेरित होते है।
प्रश्न 4 – धार्मिक क्षेत्र में आचार्य अनिरुद्धाचार्य जी का क्या योगदान रहा है ?
उत्तर - आचार्य अनिरुद्धचार्य जी ने धार्मिक क्षेत्र में कई योगदान दिये है, आज महाराज जी केवल धार्मिक कथाओ का वाचन ही नहीं बल्कि कई समाज के लोगो के प्रति सेवाएं कर रहे है जिसमें पशुओ को भोजन कराना, गरीब कन्याओ का विवाह, गायों के रहने और उनके चारा पानी की व्यवस्था, गरीब व्यक्तियों के लिए प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था करना, गरीब बच्चो के भरण और पोसन के लिए उचित प्रबंध तथा आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के स्वास्थ्य समस्याओ में अर्थिंक मदद प्रदान करना आदि कार्य शामिल है।
प्रश्न 5 – आचार्य अनिरुद्धचार्य जी महाराज खुद के नाम के आगे दास क्यों लिखते है ?
उत्तर - आचार्य अनिरुद्धचार्य जी स्वयं के नाम के आगे दास लिखने का कारण कुछ इस प्रकार बताते है। एक बार किस व्यकित ने महराज जी से नाम के आगे दास लिखने का कारण पुछा महराज जी कहते है, कि श्री कृष्ण इस जगत के पालनहार है, आज जो भी इस धरती पर हमे मिल रहा रहा वह सब उन्ही की कृपा दृष्टि से प्राप्त हुआ इसलिये हम सब उनके दास है और वो हमारे मालिक है।
निष्कर्ष :-
इस लेख के माधयम से आपने Aniruddhacharya ji Maharaj Fees In Hindi के बारे में जाना साथ ही इनके जीवन से जुड़े कई रोचक तथ्यों से भी रूबरू होने का अवसर प्राप्त किया, जिसमे आपने इनके जीवन काल, इनके शिक्षा दीक्षा, धार्मिक व सामाजिक कार्यो तथा इनकी द्वारा कही जाने वाली भागवत कथा की फीस के बारे में जानकारी प्राप्त की।
हम उम्मीद करते है, आपको इस लेख के माध्यम से आपके मन में उठे प्रश्नो के जवाब मिल गए होंगे।
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