पुरातत्व क्या है और इसके प्रकार ? – Puratatva se aap kya samajhte hain

Puratatva se aap kya samajhte hain :- आज के इस लेख की मदद से पुरातत्व से जुड़ा हर एक जानकारी प्राप्त करने वाले हैं और यह भी जानने वाले है कि पुरातत्व क्या है और  पुरातत्व का मतलब क्या है और पुरातत्व के कितने प्रकार होते है। तो चलिए शुरू करते है।


पुरातत्व से आप क्या समझते है ? – Puratatva se aap kya samajhte hain

प्राचीन काल से पुरातत्व का उपयोग होता आ रहा है। पुरातत्व के उपयोग के कारण ही हमने हड़प्पा सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में जाना है।

पुरातत्व का वर्तमान में बहुत महत्व है क्योंकि इसी के कारण हमें हमारी संस्कृति और सभ्यता के बारे में पता चलता है। विज्ञान और पुरातत्व के बीच में हमेशा से ही बहुत गहरा संबंध रहा है।


पुरातत्व क्या है ? – Puratatva se aap kya samajhte hain

पुरातत्व का अर्थ लोगों के सामने इतिहास को रखना अर्थात धरती में दबे हुए इतिहास के पन्नों को उजागर करना होता है।

जिसमें भौतिक अवशेषों की study की जाती है उसे पुरातत्व कहते हैं। पुरातत्व में प्राकृतिक पर्यावरण और भौतिक पर्यावरण में होने वाले बदलाव के बारे में अध्ययन किया जाता है।

पुरातत्व पृथ्वी के अंदर दबी हुई वस्तु के बारे में पता लगाता है, कि वह वस्तु कितनी पुरानी है और वह किस युग की है इत्यादि।

पुरातत्व सभ्यता और संस्कृति के बारे में भी तथ्य उजागर करता है। यह हम सभी जानते हैं कि हमारा वर्तमान आने वाले समय में हमारा अतीत बन जाएगा और इसी प्रकार से बहुत सारी चीजें भी अतीत बन जाती है जिनका पता पुरातत्व के द्वारा लग पाता है।

भौतिक वस्तुएं पृथ्वी के अंदर जमीन में दबकर वर्तमान समाज और संस्कृति से बहुत दूर हो जाती है। इन दबी हुई भौतिक वस्तुओं की जांच पड़ताल करना या इनकी खोज करना ही पुरातत्व कहलाता है।


पुरातत्व स्थल से आप क्या समझते हैं ?

ऐसा स्थल जहां पर अतीत में मानव गतिविधि के भौतिक अवशेष मौजूद होते हैं, पुरातत्व स्थल कहलाता है।

ऐसे पुरातत्व स्थल जिनका कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं होता है, उन्हें प्रागैतिहासिक पुरातत्व स्थल कहते हैं। इन साइटों में रॉक कला और पत्थर की खदान, शिविर स्थल, गांव, शहर, प्राचीन कब्रिस्तान और महापाषाण पतथर के स्मारक आदि शामिल हो सकते हैं।

यह स्थान ऐतिहासिक पुरातत्व स्थल होता है जिनका उपयोग पुरातत्वविद के द्वारा शोध करने के लिए किया जाता है।

ऐसे स्थान किसी घनी आबादी वाले शहरों में भी हो सकते हैं या फिर पानी के बहुत नीचे भी पाए जा सकते हैं। बहुत से ऐतिहासिक पुरातात्विक स्थल है जिसमें जहाज के टुकड़े, युद्ध के मैदान आदि के साथ-साथ मिलो, कारखाने और कब्रिस्तान आदि भी शामिल है।


पुरातत्व विभाग की खोज

पुरातत्व विभाग की खोज सर अलेक्जेंडर कनिंघम ने की थी। इन्होंने सबसे पहले 1863 में आर्कलॉजिकल विभाग की खोज की थी। आज के समय में पुरातत्व विभाग बहुत अधिक विकसित हो चुका है और नई-नई तकनीकों से आसानी से पता कर लेते हैं, कि किसी वस्तु की कितनी आयु हो सकती है।


पुरातत्व के प्रकार

पुरातत्व को अध्ययन का एक बहुत बड़ा क्षेत्र माना जा सकता है। पुरातत्वविद दुनिया के एक बड़े विषय पर ध्यान केंद्रित करते हैं। पुरातत्वविद विशेषज्ञता हासिल करने के लिए एक specific क्षेत्र मे practice करते रहते है और वह क्षेत्र निम्न प्रकार से हो सकते हैं:-

  • पुरातत्वविद मानव अवशेषों, जानवरों, प्राचीन पौधों और पत्थर के औजारों का अध्ययन कर सकते हैं।
  • पुरातत्वविद पानी की सतह के नीचे या फिर तत्वों के साथ मानव गतिविधि के अवशेषों की जांच करते हैं।
  • कुछ पुरातत्वविद प्रोधोगिकी के विशेषज्ञ होते हैं जो पुरातात्विक स्थलों का विश्लेषण, मानचित्र का लगाते हैं।
  • सांस्कृतिक संसाधन प्रबंधन जिसे सीआरएम भी कहा जाता है वह राज्य कानूनों के बाद पुरातत्वविद के काम को संदर्भित करता है।
  • पुरातत्व नृविज्ञान का एक विशाल क्षेत्र है जो मनुष्य का अध्ययन करता है।

पुरातत्व का क्या महत्व है ?

  • पुरातत्व से मानव जीवन के विकास को अच्छी तरह से समझने में मदद मिलती है।
  • पुरातत्व आपको ऐसी वस्तुओं से सामना करवाता है जो अनसुनी और अनदेखी हो।
  • पुरातत्व हमारी संस्कृति को समेट कर रखती है जो लंबे समय तक अमर हो जाती है।
  • पुरातत्व से हमें भूतकाल में घटित हुई घटनाओं का पता चलता है।
  • पुरातत्व की मदद से भविष्य में होने वाली घटनाओं का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
  • पुरातत्व की कुछ विशेषताओं में मिट्टी के दाग भी शामिल है, जो संरचना, बाढ़ के स्थान और भंडारण गढ़ों को दर्शाते हैं।
  • पुरातत्त्वविद जीव जंतुओं और पौधों के अवशेषों का उपयोग उनके आहार और निर्वाह को समझने के लिए करते हैं।

इतिहास और पुरातत्व के बीच क्या संबंध है ?
  • पुरातत्व मे किसी वस्तु के बारे में पता चलता है और इतिहास उसके अतीत के बारे में बताता है।
  • पुरातत्व का निर्माण इतिहास के संदर्भ में ही होता है।
  • पुरातत्व केवल सच को उजागर करता है लेकिन इतिहास सच और झूठ दोनों का संग्रहण करता है।
  • इतिहास पहले व्याख्या करता है और पुरातत्व पहले आता है।
  • जो भी चीजें इतिहास में लिखी गई है पुरातत्व के द्वारा उन चीजों के बारे में यह सूचित किया जाता है, कि वह वास्तव में मौजूद थी या नहीं।

प्रसिद्ध पुरातात्विक खोज के नाम

हमने सभी प्रसिद्ध पुरातात्विक खोजो के नाम को नीचे में स्टेप बाई स्टेप कर के लिखा है तो आप उसे ध्यान से पढ़े और समझे और याद करे।

  • जैसलमेर का किला
  • हड़प्पा सभ्यता
  • नालंदा विश्वविद्यालय
  • टेराकोटा सेना
  • कोणार्क का सूर्य मंदिर
  • अल्तमिरा की गुफा
  • मीनाक्षी मंदिर तमिलनाडु
  • पुराने जमाने की यहूदी हस्त लिपियाँ
  • ओल्डुवाई जॉर्ज
  • रिचर्ड 3 की कब्र

[ Conclusion ]

दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आप को हमारा द्वारा लिखा गया यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख को पढ़कर जान चुके होंगे, कि “पुरातत्व” का मतलब क्या होता है और पुरातत्व क्या है। अगर इस लेख में आपको किसी भी चीज की समस्या नजर आती है या फिर कुछ समझ में नही आता है तो।

तो आप हमारी दिए गए कमेंट बॉक्स में मैसेज कर के सवाल पूछे हमारी समूह आपके सवालों का जवाब अवश्य देगी, लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।


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