Kho Kho mein kitne khiladi hote hain

खो-खो में कितने खिलाड़ी होते हैं ? – Kho Kho mein kitne khiladi hote hain

Kho kho mein kitne khiladi hote hain :- आप लोगों ने तो खो खो खेल का नाम अवश्य सुना होगा, यह अत्यंत पुराना और प्राचीन खेल है। मगर क्या आपको मालूम है, कि खो खो के किस प्रकार से खेली जाती है और खो खो खेल में कितने खिलाड़ी होते हैं।

अगर आप का जवाब ना है और आप खो खो खेल से जुड़ा अत्यंत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहें। क्योंकि इस लेख में हम खो खो खेल से जुड़ी हर एक जानकारी प्रदान करने वाले हैं, तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।


खो-खो में कितने खिलाड़ी होते हैं ? – Kho Kho mein kitne khiladi hote hain

खो-खो टीम में कुल 12 खिलाड़ी होते हैं। इन 12 खिलाड़ियों में से 9 खिलाड़ी ground में खेलते हैं तथा तीन खिलाड़ी extra रहते हैं। अगर किसी कारणवश कोई समस्या आ जाती है, जैसे कि किसी खिलाड़ी को चोट लग जाती है, या फिर कुछ और समस्या आ जाती है, तो उसके चलते खिलाड़ी को एक्सचेंज कर लिया जाता है।

Ground के अंदर बैठने वाले 9 खिलाड़ी विरोधी टीम के 2 खिलाड़ी को पकड़ने की कोशिश करते हैं।

खो-खो खेल एक ऐसा खेल है, जिसे की सबसे अधिक भारत में ही खेला जाता है भारत के अतिरिक्त किसी भी अन्य देश में यह खेल ज्यादा नहीं खेला जाता है। वर्तमान समय तक इस खेल को किसी भी गेम में जोड़ा नहीं गया है।

लेकिन जैसे-जैसे इस खेल को अन्य देशों में अधिक खेलने लगेंगे उसके बाद इस खेल को अन्य दूसरे खेलों की तरह अंतरराष्ट्रीय लेवल पर खेला जाएगा।


खो-खो कैसे खेला जाता है ?

खो-खो खेल 2 टीमों के बीच में खेले जाने वाला खेल है, इस खेल के लिए आयताकार मैदान होता है, जिसमें इस खेल को कोई भी खेल सकता हैं। कहा जाता है की खो-खो एक बहुत ही मनोरंजनदायक खेल है। इस खेल को कोई भी व्यक्ति इनडोर तथा आउटडोर दोनों में खेल सकता है।

खो-खो खेल के मैदान की लंबाई 27 मीटर तथा चौड़ाई 16 मीटर होती है और मैदान बनाकर खो-खो को खेला जाता है। इस मैदान के साथ ही इस मैदान के किनारे पर फ्री जोन भी बनाए जाते हैं, जो कि 16m/1.5m के होते हैं। इस खेल में खिलाड़ियों करना यह होता है, कि कैसे भी करके विरोधी टीम से खिलाड़ी के छूने से अपने आपको बचाना होता है।

यह केवल एक ऐसा खेल है जिसके नियम बहुत ही कड़े होते हैं और इस खेल को 9:00 मिनट तक खेला जाता है। अगर दोनों टीमों के स्कोर बराबर होते हैं, तो ऐसे में कुछ पारियां और अधिक खेलने का मौका दिया जाता है, उसके बाद अधिक स्कोर हासिल करने वाले को विजेता घोषित कर दिया जाता है।


खो-खो खेल का इतिहास ( kho kho की history )

खो-खो खेल के इतिहास की अगर बात की जाए तो खो-खो खेल को सबसे पहले हमारे भारत देश के महाराष्ट्र राज्य के पुणे में खेला गया था। और कहां जाता है कि इस खेल की उत्पत्ति हमारे भारत देश में ही हुई है।

खो-खो खेल की जानकारी हमारे धर्म के शास्त्रों में भी मिलती है। वर्ष 1914 में खो-खो की प्रथम प्रतियोगिता रखी गई थी। इस प्रतियोगिता को सफलतापूर्वक खेला गया था।

अब बात आती है 1961 की 1961 में भारतीय खो-खो फाउंडेशन की स्थापना हुई, और उस साल प्रथम खो-खो राष्ट्रीय championship खेल को आयोजित किया गया जो कि पुरुषों के लिए था तथा वहीं दूसरी तरफ उसके 1 वर्ष बाद महिलाओं के लिए रुको championship खेल को आयोजित किया गया‌।

अब 1982 में पहली बार खो खो खेल को एशियाई खेलों में खेला गया। लेकिन इसके बावजूद भी वर्तमान समय तक यह खेल एशियाई गेम में सम्मिलित नहीं है।


खो-खो खेल के नियम क्या हैं ?

खो खो खेल की शुरुआत में सबसे पहले सिक्के को उछाला जाता है, जिसके बाद Captain निर्णय लेता है, कि वह रनर बनेगा या फिर चेंजर इस तरीके से खो-खो खेल की शुरुआत कर दी जाती है। अब बैठने वाले खिलाड़ी एक दूसरे का फेस विपरीत रखकर लाइन के सेंटर पर बैठते हैं।

1 चेंजर खड़ा रहता है तथा 3 रनर खड़े रहते हैं। रनर का काम भागने का होता है तथा चेंजर का काम उन्हें टच करने का होता है और टच करने पर runner out हो जाता है।

Changer को हमेशा सही direction में दौड़ना होता है तथा खो देना होता है, अगर चेंजर गलत दिशा में दौड़ता है तथा कोई खिलाड़ी खो देने से पहले ही उठ जाता है, तो यह फाउल हो जाता है।

जो भी खिलाड़ी चेंजर होता है, उसके लिए यह नियम होता है, कि उसे circle की बीच वाली लाइन को टच नहीं करना होता है। चेंजर को हमेशा खो बोलना होता है। अगर वह खो शब्द के अलावा कोई दूसरा शब्द बोलता है तो ऐसे में वह आउट माना जाता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खो खो का खेल 9 मिनट का होता है और अगर स्कोर बराबर रहता है, तो कुछ पारियां अधिक खेली जाती है। इस खो-खो खेल में दो अंपायर एक टाइम keeper तथा एक refree होता है। अगर कोई रनर अपने दोनों पैर को बाहर छू जाता है तो ऐसे में उसे आउट घोषित कर दिया जाता है।


खोखो खेल के भारतीय खिलाड़ियों के नाम

पांच खो-खो खेल के ऐसे भारतीय players जोकि खो-खो के खेल में काफी मशहूर है, इनका नाम लगभग हर एक  खो-खो लवर जानता है और इन खिलाड़ियों को अनेक प्रकार के पुरस्कार दिए गए हैं, इन मशहूर खिलाड़ियों के नाम कुछ इस प्रकार है:-

  1. सतीश राय
  2. सारिका काले
  3. पंकज मल्होत्रा
  4. मंदाकिनी मझी
  5. प्रवीण कुमार

FAQ,S:-

Q1. खो खो का खेल कितने समय का होता है ?

Ans. खो खो खेल को तकरीबन 9 मिनट तक खेला जाता है।

Q2. खो खो में एक पारी कितने मिनट की होती है ?

Ans. हम आपके जानकारी के लिए बता दें, कि खो खो खेल में एक मैच में लगभग 4 पीरा होती है और प्रत्येक पीरा 
7 मिनट से लेकर 9 मिनट तक चली जाती है।

Q3. खो खो खेल में कितने क्रॉस लाइन होती है ?

Ans. खो खो खेल में 8 क्रॉस लाइन होती है।

Conclusion :-

आज हमने इस लेख Kho Kho mein kitne khiladi hote hain के माध्यम से सीखा, कि आखिर खो खो खेल में कितने खिलाड़ी होते हैं और खो खो खेल को किस प्रकार से खेला जाता है और खो खो खेल का नियम क्या-क्या होता है।

अगर आपके मन में खो खो खेल से संबंधित कोई भी सवाल है या फिर आपको खो खो खेल में कोई भी चीज समझ में नहीं आ रहा है, तो आप हमारे दिए गए कमेंट बॉक्स में मैसेज करके कोई भी सवाल पूछ सकते हैं, हमारी समूह आपके सवालों का जवाब अवश्य देगी।


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