Kanojia caste in Hindi :- भारत में अनेक धर्म और जाति के लोग रहते हैं और वे सभी एक भारतीय संविधान का पालन करते हैं।
आज हम इन्हीं जातियों में से एक जाति, कनौजिया जाति के बारे में बात करने वाले हैं। क्या आप Kanojia caste के बारे में जानते हैं ? , कनौजिया जाति का इतिहास क्या है? या कनौजिया जाति के लोग क्या कार्य करते हैं ?
यदि नहीं तो इस लेख को अंत तक पढ़े, क्योंकि हम यहां Kanojia caste kya hai ( Kanojia caste in Hindi ) के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
Kanojia caste kise kahte hai ( कनौजिया जाती क्या हैं ? )
कनौजिया जाति भारत में धोबी समुदाय से संबंधित है, जिसका मुख्य काम होता है कपड़ों को धोना, सिलाई करना आदि। इस समुदाय का नाम कनौज से लिया गया है, जो उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित सबसे प्राचीन शहर है।
कनौज समुद्र तट से दूर एक छोटा सा शहर है, जो धोबी समुदाय के लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। यहां के धोबी समुदाय को अक्सर कनौजिया भी कहा जाता है।
वर्तमान समय में कनौजिया जाति के लोग भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न नामों के साथ जाने जाते हैं, जैसे कि उत्तराखंड में कनौजिया जाति के लोगों को पंडित के नाम से जाना जाता है, तो वहीं दूसरी ओर झारखंड में इन्हें माला कहा जाता है।
कनौजिया जाति का क्या मतलब होता है ?
कनोजिया या कनौजिया जाति का नाम उनके मूल निवास कनौज से लिया गया है। कनौजिया जाती भारत में पाई जाने वाली विभिन्न जातियों में से एक है, जिस के लोगों का मुख्य व्यवसाय धोबी, रंगरहित और स्त्री करना है।
कनौजिया जाति के लोग अपने काम को बहुत उत्साह से करते हैं और इस तरह के व्यवसाय के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग करते हैं। यह लोग अपनी पीढ़ियों से इस काम को सीखते हैं और अपने आने वाले नई पीढ़ियों को भी अपने इस कौशल को सिखाते हैं।
हालांकि वर्तमान में कनौजिया जाति के लोग भी शिक्षा प्राप्त करके प्राइवेट तथा गवर्नमेंट कंपनीज में कार्य कर रहे हैं और अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं।
कनौजिया जाती का इतिहास – History Of Kanojia caste in Hindi
कनौजिया जाति का इतिहास काफी पुराना है। कनौजिया जाति भारत के विभिन्न राज्यों में पाए जाते हैं कनौजिया जाति का इतिहास वेदों और पुराणों में भी उल्लेखित है।
कनौजिया जाति का इतिहास भारत के उत्तरी भाग में स्थित कन्नौज शहर से जुड़ा हुआ है। इसी कारण इस जाति को कनौजिया नाम दिया गया है। इस शहर को इंडियन रोम के नाम से भी जाना जाता है।
कनौजिया जाति के लोग इतिहास के अनुसार सोमवंशी क्षत्रियों की उत्पत्ति से जुड़े हुए है। कुछ लोगों के अनुसार इस जाति का नाम उनके मूल निवास स्थान कनौज से हैं तो कुछ लोगों के अनुसार यह जाति गुप्त युग से है।
यह जाति इतनी पुरानी है और इसका इतिहास इतना ज्यादा पुराना है कि इसके बारे में बहुत कम लिखित रिकॉर्ड आज के समय में मौजूद है। इस जाति के लोगों को वेदों में तक्षक कहा जाता है, जो इस बात का संकेत देता है कि वेदों के समय से ही इस जाति के लोग भारत में मौजूद है।
हालांकि इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो कनौजिया जाति का इतिहास संघर्ष से भरा हुआ है। इतिहास के अनुसार इस जाति का नाम कनौज शहर के नाम पर रखा गया है।
कनौज शहर अपनी प्राचीनता के लिए आज भी जाना जाता है और इसे भारत का सबसे प्राचीन शहर माना जाता है।
यह शहर पुराने भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वर्तमान में कनौजिया जाति के लोग भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाते हैं। जैसे मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब और झारखंड आदि।
इन सभी राज्यों में कनौजिया जाति को अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे कनौजिया, मादीवाला, अगसार, पारित श्रीवास, दिवाकर, रजक, चकली, सिन्हा, राजाकुला, वेल्लुत्दार, एकली, सेठी, चौधरी, माथुर, मेरठिए, और पणिक्कर आदि।
कनौजिया जाती के लोग क्या कार्य करते है ?
कनौजिया जाति के लोग भारत में कपड़ों को धोने, सफाई, रंगाई, सुखाने, इस्त्री करने आदि के कामों में बचपन से ही निपुण होते हैं। कनौजिया जाति का परंपरागत काम होता है, कपड़ों को साफ सुथरा और सुंदर बनाना।
कनौजिया जाति के लोग बचपन से ही इस कार्य में लग जाते हैं और इस कौशल को सीख लेते हैं।
इन लोगों का अधिकतर काम कपड़े धोने वाले घाट या वहां तक ले जाने वाले दुकानों में ही होता है। कनौज शहर में रहने वाले धोबी समुदाय का काम प्राचीन काल से ही होता आया है। वे लोग पहले बुद्धिमान और अमीर लोगों के लिए कपड़े धोया करते थे।
धोबी समुदाय की बढ़ती हुई मांग के साथ उनके जीने का तरीका भी धीरे-धीरे बदलता चला गया और उन्हें अधिक मान सम्मान और अधिक पैसा उनके कार्य के वजह से मिलने लगा।
कनौजिया जाती की उत्पत्ति कैसे हुई ?
कनौजिया जाति इतनी पुरानी है, कि इसका कोई ठोस लिखित इतिहास नहीं है। इसी वजह से कनौजिया जाति की उत्पत्ति निश्चित तौर पर कहां हुई और कैसे हुई इसकी जानकारी भी किसी के पास सटीक नहीं है।
हालांकि इस जाति के लोगों का मानना है, कि कनौजिया जाती बहुत पुरानी और प्राचीन जाती है, जो भारत के अन्य ऐतिहासिक कार्यों से जुड़ी हुई है। अनुमान है कि इस जाती की उत्पत्ति मुगल सम्राट बाबर के समय से भी पहले हुई है।
कुछ इतिहासकारों का मानना है, कि कनौजिया जाति का नाम उनके मूल निवास स्थान कनौज से लिया गया है, जो कि उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में स्थित है। इस तरह यह जाति उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बहुत अधिक संख्या में पाई जाती है। हालांकि वर्तमान में इस जाती के लोग भारत के कई राज्यों में बसे हुई है।
कनौजिया जाती का गोत्र क्या है ?
Kanojia caste in Hindi :- कनौजिया जाति के लोग विशेष तौर पर अपने गोत्रों के आधार पर भी पहचाने जाते हैं हालांकि कनौजिया जाति के गोत्रों की संख्या कुछ ज्यादा नहीं होते हैं। फिर भी हम यहां कुछ खास गो गोत्रो के नाम बता रहे हैं, जो कनौजिया जाति के लोगों में अधिक देखने को मिलता हैं। जैसे कि –
- गोयल
- मित्तल
- बंसल
- अग्रवाल
- जखमोल
- काश्यप
- मंडल
- बघेल
- सक्सेना
- बिंदल आदि
ऊपर बताए गए इन गोत्रों के पीछे इतिहास और कई पौराणिक कथाएं भी होती हैं, जो इन जाति के लोगों की भावनाओं और आधारभूत मूल्यों से जुड़ी होती है।
FAQ’S :-
Q1. कनौजिया जाति कहां पाई जाती है ?
Ans - कनौजिया जाति का प्रमुख आवास उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों में अधिक है।
Q2. कनौजिया जाति का मुख्य कार्य क्या है ?
Ans - कनौजिया जाति का मुख्य कार्य परंपरागत रूप से कपड़े धोना सिलाई रंगाई और स्त्री करना आदि से संबंधित है।
Q3. कनौजिया जाति के लोग किस धर्म के होते हैं ?
Ans - कनौजिया जाति के लोग हिंदू धर्म के होते हैं।
Q4. कनौजिया जाति किस कैटेगरी के अंतर्गत आता है ?
Ans - कनौजिया जाति भारत में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आता है।
Q5. अनुसूचित जाति क्या होता है ?
Ans - अनुसूचित जाति एक ऐसा वर्ग है, जो भारत के संविधान द्वारा उन जातियों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए विशेष रूप से रखा गया है जिन्हें सामाजिक रूप से पिछड़ा माना जाता है।
निष्कर्ष :-
आज के इस लेख में हमने जाना कि Kanojia caste in Hindi ( कनौजिया जाती क्या हैं ? ) किसे कहते हैं और साथ ही साथ हमने यहां कनौजिया जाति के इतिहास और गोत्रों के बारे में भी बात की है।
उम्मीद करते हैं, आज के इस लेख के द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए बहुत useful रही होगी। इसी के साथ यदि आपको यह लेख पसंद आई हो, तो कृपया इसे शेयर करें ताकि अन्य लोगों को भी इसकी जानकारी हो।
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